हरदम सुगन्ध छर्तीरहे, तोहाॅर जीन्दगी.

Monday, 31 October 20160 तपाइको प्रतिकिया ब्यक्त गर्नुस

Posted By :- Admin {Hamar Sanesh}

फुलरियक फुलाहस् फुल्तीरहे, तोहाॅर जीन्दगी..!
हर कदममे शिखर चुम्तीरहे, तोहाॅर जीन्दगी..!
पत्ता झरके, फुला सुखाके गैले से फे..!
हरदम सुगन्ध छर्तीरहे, तोहाॅर जीन्दगी..!

अंकर "अन्जान सहयात्री"
पथरैया-4 जबलपुर,कैलाली


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