बयान कसके करु उकर नत गोरी न काली
छबिगर रूप सौदर्यता से भरल मोर साली
सपना मा तोर झल्को बिपनामा तोरे याद
झल्लक - झलकई देखसासु ठोरमा लाली
कसके बिसराउ हमार सम्बन्धक गहिराई
कान्छि तोरहि के बनोबसु मुई घरक माली
लेखक यसै बेबसाईटको सञ्चालक हुन.!
थारु भासा को गजल नबिने चौधरी
तस्बिर : सारदा महतो