"अचरा खड्की चोलिया, थारु जातिके पहिचान,"
"बिहादानमे आपन सिया थारुके, बरथी के सान,"
आरे अन्धकारके पर्दातरमे, लोकल छौ, सवहैके जीवन,काच बाँस के खडखडीमे जेतो एकदिन इटा जीवन,।
इना अचरा, खड्की चोलिया बाली कत्कर छेकिजे,
लाजलकिस हरिके हमर जीवन,।।
आरे आसे देखछेन हमे , इना थारु समाज के दैय गुदि सवके चौठी चान मे,।
अचरा खड्की चोलिया ,पिनहिके एलिस एकजेरह,
थार्नी दैयगुदि सव आप्ने आप्ने सान मे,।।
आरे इना अचरा खड्की बाली ,आर बर्थी बाली ना ,थारु जातिके बहुत असल संस्कार मे छे,।
मोरङ्ग हे सुनसरी के आपन थारु जातिके कला संस्कृति, संस्कार जोगहयान तोरा सियान गे,।।
आरे इना ,अचरा खड्की चोलिया, बाली ना दैयगुदी रहछी थारु समाजके संस्कार बाली ,बिहादान मे बिहाके रित पुगछी, लाल लाल ,पिनलह ना दैय ,भौजी सव बरथी बाली ,।।
आरे दिलमे बसिगेलेस, हमरा, मोरङ्ग सुनसरी के संस्कार बाली सव छौडी,।
आजु हमे गर्व कर्छिन ,लाग्छी आपन
मोरङ्गिया सुनसरिया सुधार करती, सम्मान कर्छिन
तौकी,।।
आरे दिल दिमाख मे छाप लागि गेलेस, हमरा, आपन थारु समाज के खातिर कुन करे परते,।
इना मोरङ्ग सुनसरी के बिबेकशिल युवा सव,हमर
लेखरचना देखिके, समाज सुधारके बातचित कर्छे,।।
हमर परिचय कहवै त, मोरङ्ग, जिल्ला , लखन्तरी- १
खुनियाकटा, थानटोल हेलोस गाउँ,।
अहिनेङ्गे अहिनेङ्गे, सव सन्देश देछुन, मोरङ्ग
सुनसरी समाज के सुरेश चौधरी, हेलोस हमर नाउँ,।।
सुरेश कुमार चौधरी , मोरङ्ग बिराटनगर