गिन्दगी त देहेल भगन्वा क्रम देहे नै जानल महि!

Sunday, 26 February 20170 तपाइको प्रतिकिया ब्यक्त गर्नुस

Posted By :- Admin {Hamar Sanesh}

मोर सजाईल सारा सपना फुलक कोपिला बन्के रहिगिल !
उ निष्ठुरी हे याद कर कर्के ई दिन्दगी भुवा बन्के रहिगिल!!

धोखा असिक देलि उ घर न घात के बनाके महि!
मोर माया के सारा  सपना समाजके खेलौना बनके रहिगिल!!

गिन्दगी त देहेल भगन्वा क्रम देहे नै जानल महि!
ई स्वार्थी दुनियाँमा  मोर जिङ्गी धुँवा बन्के रहिगिल!!

💔💔💔💔 लेखक
💔 सनम चौधरी💔

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