अन्धकारमा गिरले फेरि भर देउके हात हैने

Saturday, 19 November 20160 तपाइको प्रतिकिया ब्यक्त गर्नुस

Posted By :- Admin {Hamar Sanesh}

कल्पनामा दिनरात बितलउ प्रेमक खात हैने
अन्धकारमा गिरले फेरि भर देउके हात हैने

पलपल हरपल तोर लागी तड़पसस्सु मुई
जतुरा कनले फेरि आस्वासन क बात हैने

दिन बित्सउ हसे रात बित्सउ ओकरे यादमा
भखससु देबी देउता के सपना देउके रात हैने

बितोससु हर प्रहार हर क्षण उकेरे नाउ जपते
भुलाउके तहिया पियले फेरि मोदक मात हैने

प्रेमपत्र लेखु जौ ओरके  हात औसही कम्सउ
I love U प्यारी लिखे के पिपरा क पात हैने



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