औरक दास बन्ना दिन, हेरा सेकल अब

Monday, 19 March 20180 तपाइको प्रतिकिया ब्यक्त गर्नुस

Posted By :- Admin {Hamar Sanesh}
[[गजल]]
औरक दास बन्ना दिन, हेरा सेकल अब।
गहुँ मस्री चन्ना दिन, हेरा सेकल अब।
वर्ष भरिक काम करल, दाम लेहेक लाग,
अपन अंग्री गन्ना दिन, हेरा सेकल अब।
कमैयाँ बन्के काम कर्ती, जिन्दगीभर मलिक्वक् घर,
हर जुवा तन्ना दिन, हेरा सेकल अब।
जत्रा काम कर्ल से फे, खाइबेर् पानिक कप्वासँगे,
मिर्चक् चट्नी सन्ना दिन, हेरा सेकल अब।
कमैयंक् उ मलिक्वक् घर, वर्ष भरमे अक्केचोट्,
खुशियाली मन्ना दिन, हेरा सेकल अब।
"
अंकर अन्जान सहयात्री
जानकी गाउँपालिका-८
जबलपुर,कैलाली
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