सुनसान लगसउ मोर..... लजिक पास तोर बिना
रोकेतउ जसने मोर धड़कन मोर साँस तोर बिना
मुई तोर बिना जिए नाहि सकबसु जसने लगसउ,
सदियो त भुलेतउ मोर जिन्गीक सुवास तोर बिना !
सुनिल महतो माडि चितवन
हाल- काठ्माण्डौं