@):-Gajal@):-
हमार भाषा हमार सँस्कृति चम्काई परल यहाँ
हेरैटी गैल अॅरुवा मनिक धेबरी सुङगाई परल यहाँ।
बिल्लैटी जाइता थारु सॅस्कृति ओ भाषा,
बिश्वभर थारु इतिहास के गौरव चलाई परल यहाँ।
सँस्कृति से भरल सुन्दरता से सजल हमार बस्ती,
भौकम नुकल हमार चलनके पोकरी फुटाई परल यहाँ।
तैं छोर मै छोर के भाव हटाके हाथमे हाथ मिलाके,
एकता के मन्द्रक अवाज सॅगे बजाई परल यहाँ।
सँगम कुशमी
बसौटी ७ दख्खिन टेह्री,कैलाली
हाल महाराष्ट्र,भारत।