भासा नाहि त भेस नाहि ,भेस नाहि त देस नाहि,भासा बचावके बलजोर करौ।

Monday, 1 August 20160 तपाइको प्रतिकिया ब्यक्त गर्नुस

Posted By :- Admin {Hamar Sanesh}
भासा नाहि त भेस नाहि ,भेस नाहि त देस नाहि,भासा बचावके बलजोर करौ।

नेपालक पर्मुख आदिबासिक रुपमा थारु जाति बहुत यागा बडिए।हमार थारु जातिक यपने पिरथक सस्किरिति ,रहनसहन ,खानपान भेसभुसा हसे रितिथिति बडयि ।
हमार सस्किरिति लोप हखिके बचावके तहिया हमरा पढल लिखल थारु बुदिजिबि ,बिद्यार्थी हसे सबहु थारु जाति सभ
समयमा चासो नाहि देबहु जउत थारु भासाक रितिरिवाज एगुठा ,दुगुठा पुस्तामा मातुरे सिमित हखेसकतइ ।
हुनत सन्सार समय अनुसार परिवर्तन बडइ।परिवर्तन सन्सारमा समय अनुसार भेसभुसा ,रितिरिवाज,हसे समाज परिबर्तन हखिके नौलो हैन हलइ।तर एकरके बचावके हमार उतरदाइत्व फेनि बहुत बडइ।

post : Dhanbir Chaudhary

Share this article :

Ads2
SHARE THIS POST IN YOUR CHOICE LOCATION

 
Copyright © 2017 - हमार सनेश डटकम.COM - All Rights Reserved.
Design By :- Nabeene Chaudhary | Powered by :- Deepa Mht

| Home | About | Blogs | Contact | RSS*

Admin / Editor :- RN Chau.. Tharu