सोर्हे सिङ्गार तोर रुप,हसठी तोर ठोर भरी ।
धर्ती मा झरल कहवासे तुइ,लगई यैसन स्वर्ग क परि।।
थारु क पहिरन जोगोले तुई,पेहरले बाणे हसुली।
फुल्वारी मा फुलाईल फुला यैसन ,चिट्कल रहु लगई तितुली।।
जर जर हेरई तुई, ठोरमा तोर बणउ लाली।
रङ्ग बिरङ्ग फुल्वारी तोर, टुरके मन लगई फुलवा दगिसारि।।
रुम रुम ,झुम झुम टोर अनुहार,फराइ बणउ तोर केश।
ओर्यानी से लेके मुर्हुरा तोर दगिसार जोबन,लिगबसु यापन देश।
# Chitwan Chhannu
खैरहनी न. पा.१,बहेरा