यि साल मजा से दशैं, मनाई नाइ पैली.! दादु-भैया मिलके ढिक्री, खाई नाइ पैली.! कानेम् जेंउरा, माठेमे, लाल टिका लगैती.! दाइ बाबनसे आशिष लेहे,जाई नाइ पैली.! " अंकर "अन्जान सहयात्री" पथरैया-4 जबलपुर,कैलाली
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