एकजुट हखना उ समाज कहुवा गेलई
सबुजन -उठउना आवाज कहुवा गेलई
कतेक बेठेके घरवामा बुललही परदेश
इ थरुवाके लिगना जहाज कहुवा गेलई
नेपाली भाषामा
एकजुट हुने -त्यो समाज कहाँ गयो
सबैले उठाएको आवाज कहाँ गयो
कति बस्नु घरमा हिडियो है परदेश
यो थारुलाई लाने जहाज कहाँ गयो
कल्लु महतो