गजल,,
थारु हुइती हम्र तिहुवार म मन्द्रा घनकाई परी ।
नचनिया मदरिया बनख सक्कुहन छनकाई परी ।।
हेरैती जाइता पुर्खन से आइल हामार संस्कृती ।
दशै माघ म झुम्रा मघौता सखिया झनकाई परी ।।
कत्रा मजा हमार भेष भुषा परमपरा लगन सहन ।
लेहेगा फरिया म सजती गाउ भर मनकाई परी ।।
सक्कुजान मिली जुली के हाथ मे हाथ मिलाके ।
अइती रहल तिहुवार म छबुवा जाॅर तनकाई परी ।।
केशब सहयात्री
लम्की चुहा न पा ६ पिपरकोटी कैलाली
हाल आनेक देश मलेसिया