~~~~~गजल~~~~~
हृदय मे घर बनाके प्रेमक संगीत सजैलाे अहा
फेर नाजुक दिल हमार ताेडि चल गैलाे अहा,
हरेक सांस पे अहिले लेख्लु हेलाै प्रिय्
स्नेह के बनमे तब कि अाग लगा दिहलाे प्रिय ,,
अपनिक साेचमे भुलाईत रहलाे जेनतेन पागलसरि
अटुट बन्धन रिस्ता ताेडि मै फेर भुलैलाे यहा,,
नै जि सक्बैइ जिन्दगी एकाे पल अख्निबिना
ई भमरा छाेडि दुसरा क बगिया सजैलाे अखिन,,
एखनिक यादमे तडपत रहलु मै.....
बात छल मुख फेर अतिक कठाेर भेलाे अहा,,
खेमराज चाैधरी (चिन्तन)
नवलपरासी