●●●● थारु भाषक मुक्तक ●●●●
मोर सांगे करल तोर झूटो बात रैछ तोर मोर इतुरे जिन्दगीक साथ रैछ जतुरा कर्लहु माया प्रेमक बात सबह, आजु बुझलसु मुई जबड घात रैछ...!
-✒ नबिने चौधरी (चितवन)
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