महि अापन गाउँ ठाउँ से नस्य प्यार बा दाङम

Monday, 26 December 20160 तपाइको प्रतिकिया ब्यक्त गर्नुस

Posted By :- Admin {Hamar Sanesh}

गजल

महि अापन  गाउँ ठाउँ से नस्य प्यार बा दाङम।
उ  टल्वा  मन्दिर सम्झनाम बारम्बार बा दाङम।।

रिहारम बगार बाबा,अम्बिकेश्वरी हेर्टि सुहावन।।
कला संस्कृति हमार क्या उ संस्कार बा दाङम।।

ख्याल एैहो  तुल्सिपुर बजार घोराही लमही हा।
नारायणपुर भालुबाङम फेर व्यापार बा दाङम।।

जहोर हेरो पर्बत्वा केल कत्रा मन चम्पन हुईठा।
खेत्वा बारीक अन्नले  जिना अाधार बा दाङम।।

घुम एैबि जखेरा ताल,धारपानी चौघेरा होर फे।
मिठ मैगर बोली दङ्ग्वनक उपहार बा दाङम।।

दङ्गाली राज
दाङ तुल्सिपुर

Share this article :

Ads2
SHARE THIS POST IN YOUR CHOICE LOCATION

 
Copyright © 2017 - हमार सनेश डटकम.COM - All Rights Reserved.
Design By :- Nabeene Chaudhary | Powered by :- Deepa Mht

| Home | About | Blogs | Contact | RSS*

Admin / Editor :- RN Chau.. Tharu