गजल
आजफेर सल्लाहा सुझाब देबी अग्रस सर हुँक्रे !
पतीप्रमेस्वर मान्के बरमाला घलैहो छोत्की
बर्की हुकिन सग्गे दीदी अस करैहो छोत्की
कांज कप्वा खाक हासी खुशी जुनी बितैबी
स्वान चादीं घल्ना रहर मन से हतैहो छोत्की
चुल्हा चौका खेत्वा बारी मिल,जुलके करहो
थर्वक्थे केल बैथ्ना बानी जिन लगैहो छोत्की
किउनै रलसेफे खुतसे भत्भेर्जाइत कबुकाल
झग्रा हुइत कना व सहना बानी बनैहो छोत्की
हस्ति खेल्ति घर बिगरुइया बहुत बात यिँहा
यक कान सुन्बो और कानले फकैहो छोत्की
होम दहीत
पहाडिपुर बर्दिया