*-^-'-:" थारु भाषाक मुक्तक " :-'-^-*
झिन कहसि मोरके तोर मायामा भर हैने, प्यारी तोरके बिसराउल कौनो प्रहर हैन.! यादै यादमा हमार जिन्दगी कटाई बडउ, बाध्यता से हखई यीए कौनो रहर हैने...!!
✒ - नबिने चौधरी [चितवन]
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