[[मुक्तक]]
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इ टराई भुमी हमार वीर-ठारु, पुर्खहन् के हो सरकार।
जे लरके बनाइल मल्हवारा, हुक्रहन् के हो सरकार।
टुहुरे हमार सुन्डर बस्टीमे, हस्टक्षेप अब जिन करो।
काक्रेकी इ ठाउँ इ माटी हम्रे, बुक्रहन् के हो सरकार।
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अंकर 'अन्जान सहयात्री'
पथरैया-4 जबलपुर,कैलाली
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इ टराई भुमी हमार वीर-ठारु, पुर्खहन् के हो सरकार।