थारु समुदायके लिए कुछ कइलजाय (अति मार्मिक लेख एक चोटि अवश्य पढ्नुहोला)

Monday, 19 February 20180 तपाइको प्रतिकिया ब्यक्त गर्नुस

Posted By :- Admin {Hamar Sanesh}

हमार सनेश सहकर्मी,
श्याम सि.टी.,,
समय बहुत मूल्यवानबा,समय बहुत बलवान बा । समयके साथ साथे हमरे नाई चलपाब ते समय हम्मन छोडके बहुत आगे चलजाई आउर हमरे हेरते रहीजाब । जब हमरे थारु समुदायमे हो या आउर कौनो भी समुदायमे जनम लेहले बाटी सबके आपन आपन भाषा,कला,संस्कृतिके मोह माया रहत । जब हमरे थारु समुदायमे जनम लेहले बाटी ते गर्वसे कहलजाय कि मै थारु होइलमे गर्व करत बाटँु । जब हमरे थारु समुदायमे जनम लेहले बाटी ते काकरे न हमरे आपन समुदायके खर्तिन कुछ न कुछ कइके जाई,समाजके कुछ अच्छा कइके जाई,राष्ट्रके लिए कुछ कइके देखाई आउर कुछ कइके जाई । यदि समुदायके खर्तिन सब जने जेकर जेतना पहुचबा,जेतना क्षमता ओतने कइलेसे भी समुदायके लिए कुछ न कुछ परिवर्तन होसेकी । लेकिन हमरे आपन मनमे तमाम किसिमके तनाव चिन्ता लइके हतास,निरास होइजयना आउर कुछ न कयना खाली समाजके दोष लगएना,आउर आउर लोगनकेहे दोष लगाएना बानी रहलबा ।  
कब्बो–कब्बो हम्मन कुलके मन कउनो न कउनो कारणसे डेर, भयसे घेर लेहत । भय हमेशा कमजोर मानसिकतामे उपजत औ नकारात्मक दिशामे मनइनके चिन्तित करात लइ जात । भय कब्बो भी जीवनके सकारात्मक पक्षके नाइ देखत औ न ते देखेक देहत । भय जीवनके उ अन्जान चीजसे भी होत, जेकेसे हम्मन कब्बो सामना नाइ होइल बा औ भय उ कारणसे भी होइ सकत बा, जेकेसे हमरे सुपरिचित बाटी ।

चर्चिलके अनुसार–“ भय अन्हेरके समान बा औ साहस (हिम्मत) रोशनीक समान । साहसके अइते कि भय अपने आप भाग जात । यदि हम्मन लग साहस बा ते हमरे निर्भय होइके अपन सफलतक कहानी खुद गढे सकब । ” एभरेष्ट पर चढाइ करे वाला नेत्रहीन एरिक वीहेनमेयरसे जब पूछ गइल कि का आपके भय नाइ लागत ? ते वोनके जवाब रहे कि कदम– कदम पर हम अपन भय पर विजय हासिल कइले बाटी औ आखिरी कदम पर भी भयसे हमार सामना होइल रहे, जउन हम्मे एभरेष्ट तक पहुचाइल ।
भय हम्मन जीवनमे उन्नतिक वोर बढेवाला हर कदम रोकेक खर्तिन आत । भयके कारण मनमे कइ मेरके विचार उठत, शंका– उपशंका जनम लेहत औ हमरे अपन बढते कदमके पाछेक वोर खीच लेली या फिर अपन तेज गतिक सुुस्त कइ लेली, काहेसे कि मनमे यी भय आ जात कि कहु हम्मेसे कुछ गलत न होइ जाए ? जउन हम करत बाटी, वोकर परिणाम का होइ ? यदि परिणाम हम्मन आशाके बिपरित आइ तब ? आउर यिहे मेरके न जाने केतना सवाल हम्मन मनमे घुमत औ हम्मन दिमाकके बोझहा बना देहत । यि सवालके घेरम आके मनइ अइसन फस जात, जइसे कि उ भवरमे फस गइल बा औ वोकेसे नाइ निकर पात बा ।
भयके कारण मनइक शरीर औ मन, दुनु कमजोर पड जात । डेरके मात्रा ढेर होइले पर शरीर औ मनके कार्यशक्तियो जवाब दइ देहत औ हम्मन सोचना– समझना क्षमता भी कमजोर होइ जात । अइसन समयमे यदि केहु सहारा होइ ते उ हो कि कउनो भी मेरके मनइनके जीवनके सकारात्मक पक्षसे परिचित कराइल जाए । यी काम ब्यक्तिक इच्छा शक्तिसे भी होइ सकता या फिर आउर दुसर ब्यक्तिसे भी ।
भयसे मुक्त होएक एक सहजे तरीका यी भी होइ सकत बा कि जब हम्मे डेर लागे ते हम लम्मा साँस लेइ औ कल्पना करी कि भित्तर बइठल डेर साँस छोडेक समय बहरे निकरत बा औ वोकर साँस लेहेक समय यी भावना करे कि हमार भित्तर साहस, हिम्मत, उत्साहके जागरण होत बा । हमार भित्तर एतना उर्जा होइ गइला कि एकर माध्यमसे कुछ भी करे सकलेब औ बिना कउनो डेर, शंका– उपशंकक अपन काममे लग जाएक चाँही । हमार काममे केतना अधिकतम नोक्सान होइ सकता उ सोचेक चाँही औ पहिलेसे होइलहवा नोक्सानके सहेक खर्तिन अपन मानसिकता बना लेहेक चाँही, एकर साथे अपने कइल जाए वाला कामके जउन अधिकतम सकारात्मक पक्ष होइ सकता, उ भी सोचेक चाँही औ अपन कामके करेक खर्तिन तइयार होइ जाएक चाँही ।
अइसन नाइ बा कि अइसन कइलेसे भय हम्मन जीवनसे पूरक पूरा चल जाइ । उ ते निश्चित रुपसे आइ, वकिन हम्मन भित्तर भयसे सामना करेक साहस बा ते उ फिर हम्मन सामने ढेर समय तक नाइ टिक पाइ । हम्मन जीवनमे जउन भी चुनौति आत, अपन साथे डेरके लइके आत, जेकेसे हम्मन रहवा अवरुद्ध बनल रहे, हम उ चुनौतिक सामना न कइ पाइ औ छोटे देखाए वाला चुनौति हमे पहाड हस भारी औ अडिग देखाए, वकिन आत्मविश्वास या साहसके सामने जीवनमे आए वाला बडासे बडा चुनौति भी अपन घुटना टेक देहत औ ब्यक्तिक सफल बना देहत ।
डेरके हरा सकल जाइ, केवल निडर होइके । चाहे जइसन परिस्थितिम घबराइ न, बडासे बडा संकटके सामना बहादुरीक साथ करलन, भय वोकर सामने आइसे घबरात, बकिन जे कायर प्रकृतिक रहलन, मनमे मेर मेरके कुशंका करलन, वोनके सामने अपने विकराल रुपमे प्रस्तुत होइजात औ परिस्थितिक सामने घुटना टेकेक मजबुर कइ देहत । अइसन लोग अपन जीवनमे एकदम मुस्कुराके नाइ बढ पालन, हमेशा दुखि औ बेजान रहलन ।
डेर हम्मन हाथ–गोडम पडल उ जञ्जीर हो, जउन हम्मन अपन नकारात्मक दुनियम परतन्त्र राखत औ हम्मन कुछ नइ करे देहत औ एकर साथे जीवनमे कब्बो सफल भी नाइ होए देहत । भयके कारण हमरे दुर्बल वा दुखि रहली औ एकरे कारण जीवनमे कुछ भी करेसे घबराली, लेकिन यी डेरे भर हो, जउन हम्मन ब्यक्तित्व विकासमे सबसेबडा बाधा हो औ एके दुर करे जा सकल जाइ – खपन भित्तरके क्षमतक पहिचानके । हम का कइ सकब ? हम जउन भी ढेर बढिया काम कइ सकब, वोके जरुर करब, पूरा आत्मविश्वास औ साहसके साथ अपन गोड बढाइल जाए, परिणाम चाहे जउन होए, हम अपन कर्तब्य करब । यदि यी सोच अपनाइल जाए आउर हिम्मत निश्चित रुपसे हम आगे बढब औ भयपर विजय प्राप्त करब ।

केतना जने थारु समुदायमे जनम लेहलेसे आत्मग्लानि अनुभव करेलन,अपने आपके दोषी मानेलन,भगवानकेहे दाष लगाएलन,केतना लोग कहेलन कि हे भगवान मोके अगले जनममे थारु जातमे ना देहलजाई कहिके भी कहेवाला बाटन बकिन ई सब कहलेसे नाई होई,आउर जनहन दोष लगइलेसे नाई होई,भगवानकेहे दोष लगइलेसे नाई होई । अपने आपके सकारात्मक डगरामे लैजाइलजाय,अपने आप सकारात्मक सोचलजाय । सब सकारात्मक सोचलजाई  आउर सकारात्मक सोचके साथ कदम आगे बढाइलजाई ते अवश्य एकर परिणाम भी बढिया पाइलजाई आउर आपन लिए,थारु समुदायके खर्तिन आउर राष्ट्रके खर्तिन कुछ न कुछ बढियाँ करेक मन लागी आउर अपने बहुत कुछ कइसेकल जाई कुछ छोट छोट काम कइके आगे बढलजाय आपके छोट छोट कामसे भी आएवाला पीढि,भावी पीढि लोगनके खर्तिन एक मार्गदर्शक बन सेकलजाई आउर बहुत कुछ कइके देखासेकलजाई । उहेक नाते हिम्मत कब्बो न हारलजाय,अपने आपके गर्व कइलजाय आउर कुछ न कुछ कइके जरुर देखाइलजाय ।

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