#गजल
थारुनके खानपान हाे सिधरी !
हम्मनके पहिचान हाे धिकरी !
भाईचाराके सम्बन्ध हमरेनके !
दारुक संघरी चिखना मछरी !
चाेरी नाई कइना बानी मज्जा !
जान पालेकलग कर्ना नाेकरी !
हमरे अादिबासी थारु नेपाली !
स्पेसल दारु बाेझ्नहा भकरी !
[राम अवतार अन्जान]
( शिवराज न.पा.३, कपिलवस्तु )