कविता ,,
चुप चाप यलही तुई मोर मनमा
दङ्ग हसे खुशी भेलसु मुई
जब यलही तुई मोर जीवनमा...२
प्रिय बनके यलही तुई मोर मनमा
भेलसु प्रिय-प्रिय तोर मुई
जब खुशी यनलही मोर जीवनमा...२
साथ देलही तुई मोर दुखी मनमा
साथमा हाथ देके स्वीकारलसु मुई
जब प्रिय सङ्हाती भेलही मोर जीवनमा...२
देवी बनके बेसलही तुई मोर मनमा
जिन्गीक सहारा पौलसु मुई
जब तुई इजोर बनोलही मोर जीवनमा...२
सर्जक:- बुद्धि कुमार महतो
रत्ननगर-५, चितवन