सबके बिचार मिलल संविधान मांगलके हो

Thursday, 2 March 20170 तपाइको प्रतिकिया ब्यक्त गर्नुस

Posted By :- Admin {Hamar Sanesh}

[[मुक्तक]]
"
सबके बिचार मिलल संविधान मांगलके हो।
इ फटाहा कुक्कुर नेटनके बलिदान मांगलके हो।
जब शिक्षित आवाज अधिकार मांगल,देश टुक्रल कलो।
हम्रे टो बस् केवल अपन पहिचान मांगलके हो ।
"
अंकर 'अन्जान सहयात्री'
पथरैया-4 जबलपुर,कैलाली

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