धनगढी:= सुदूरपश्चिम साहित्य समाजसे धनगढीमे आयोजित विश्व नेपाली साहित्य महोत्सवमे विफेक् रोज टमान सवालमे समूह छलफल हुइल बा ।
लोकसभा नैपह्रल विश्व विद्यालय, हास्यकलाकार मदनकृष्ण श्रेष्ठ ओ हरिबवंश आचार्यबीच सहयात्रा ः महको मिठास कना सवालमे समूह छलफल हुइल बा ।
ओस्टके थारु संस्कृतिके ज्ञाता समेत रहल डा. सर्वहारी थारु समुदायके इतिहास तराई क्षेत्रमे सबसे पुरान रहल बटैलै । मने हालसम स्पष्ट भर नैरहल उहाँके कहाइ बा ।
ओस्टके नेपाली साहित्य कलेक खस समुदायके किल नाइ रहल बटैले बाटै । उहाँ थारुलगायत वर्ग समुदायके साहित्य फेन नेपाली साहित्य रहल बटैलै । राज्य अभिन फेन फूलवारी मनिक् सक्कु फूलाक् सुवास लेनामे कन्जुस्याई करल उहाँ दाबी कर्लै । उहाँ भाषा संस्कृति जोगाइक लाग पाठ्यक्रममे मातृभाषा लागु करेक पर्ना जरुरी रहल बटैलै । जौन प्रति राज्यके लगानी जरुरी रहल उल्लेख कर्लै ।
ओस्टके संस्कृति विद खत्री फेन थारु जातिके इतिहास ओ संस्कृति सबसे पुरान रहल बटैलै । मने अभिनसम राजा रजौटाहुुकनसे हल्का ढंगसे किल लिखल बटैटी उहाँ अभिनफेन गहन रुपमे इतिहास लेख्न बाँकी रहल औल्याइलै ।
महोत्सवमे प्रत्येक दिन टमान विषयमे समूह छलफल हुइटी आइल बा । महोत्सव फागुन २० गतेसम चल्न जनागिल बा ।
लोकसभा नैपह्रल विश्व विद्यालय, हास्यकलाकार मदनकृष्ण श्रेष्ठ ओ हरिबवंश आचार्यबीच सहयात्रा ः महको मिठास कना सवालमे समूह छलफल हुइल बा ।
ओस्टके खतरामे इतिहास ओ संस्कृति कना सवालमे फेन छलफल हुइल रहे । पत्रकार तथा साहित्यकार डा. कृष्णराज सर्वहारी, प्रा. डा. प्रेमकुमार खत्रीबीच हुइल समूह छलफलके सञ्चालन गोरखापत्र दैनिकके उपसम्पादक लक्की चौधरीसे हुइल रहे । छलफलमे संस्कृति तथा इतिहासविद समेत रहल प्रा.डा. खत्री कौनो फेन जातजातिके मौलिक संस्कृति सबसे भारी सिमाना रहल बटैलै । कौनो फेन देशबीच ओ प्रदेशबीचके सिमाना भौतिक रहलेसे बनावटी रहल बटैटी उहाँ संस्कृति सबसे बरवार सीमाना रहल औल्याइलै । जौन चीर कालसे रहटी आइल उहाँके कहाइ बा । उहाँ संस्कृतिके समयमे पुस्तान्तरण नैहुइलेसे लोप हुइना हुइलसे राज्यके लगानी जरुरी रहल बटैलै।
ओस्टके थारु संस्कृतिके ज्ञाता समेत रहल डा. सर्वहारी थारु समुदायके इतिहास तराई क्षेत्रमे सबसे पुरान रहल बटैलै । मने हालसम स्पष्ट भर नैरहल उहाँके कहाइ बा ।
ओस्टके नेपाली साहित्य कलेक खस समुदायके किल नाइ रहल बटैले बाटै । उहाँ थारुलगायत वर्ग समुदायके साहित्य फेन नेपाली साहित्य रहल बटैलै । राज्य अभिन फेन फूलवारी मनिक् सक्कु फूलाक् सुवास लेनामे कन्जुस्याई करल उहाँ दाबी कर्लै । उहाँ भाषा संस्कृति जोगाइक लाग पाठ्यक्रममे मातृभाषा लागु करेक पर्ना जरुरी रहल बटैलै । जौन प्रति राज्यके लगानी जरुरी रहल उल्लेख कर्लै ।
ओस्टके संस्कृति विद खत्री फेन थारु जातिके इतिहास ओ संस्कृति सबसे पुरान रहल बटैलै । मने अभिनसम राजा रजौटाहुुकनसे हल्का ढंगसे किल लिखल बटैटी उहाँ अभिनफेन गहन रुपमे इतिहास लेख्न बाँकी रहल औल्याइलै ।
महोत्सवमे प्रत्येक दिन टमान विषयमे समूह छलफल हुइटी आइल बा । महोत्सव फागुन २० गतेसम चल्न जनागिल बा ।